महिलाए करवा चौथ का व्रत क्यों करती हैं ?
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं महिलाएं इस दिन 16 श्रंगार करके भगवान
शिव माता पार्वती करवा माता और भगवान गणेश जी के साथ-साथ चंद्र देवता की पूजा करती हैं इस दिन महिलाएं करवा चौथ के व्रत के
सभी नियमों का पालन करती हैं और करवा माता से पति और परिवार की खुशी और तरक्की की कामना करती हैं .मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को सबसे पहले देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था इसके अलावा कहा जाता है कि द्रौपदी ने भी पांडवों को संकट से मुक्ति दिलाने के लिए करवा चौथ का व्रत किया था करवा चौथ का व्रत विवाह के 16 या 17 सालों तक हर हाल में करना अनिवार्य माना जाता है इस व्रत को बीच में नहीं छोड़ा जाता .
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चलिए आपको बताते हैं इस बार करवा चौथ का व्रत कब है और आपके शहर में कितने बजे चंद्रमा नजर आएगा..
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है और इस बार चतुर्थ तिथि प्रारंभ होगी 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6:04 से और समाप्त होगी 21 अक्टूबर सोमवार को सुबह 4:01 पर कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन माताएं अपनी संतान की सुख समृद्धि के लिए उनके सुखद भविष्य के लिए उनकी रक्षा के लिए भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखती हैं तो इस दिन माताएं भी अपनी संतान की रक्षा हेतु इस व्रत को धारण कर सकती हैं और इस बार 20 अक्टूबर रविवार को करवा चौथ
का व्रत रहेगा व्रत में सुबह सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सर्गी ग्रहण की जाती है सर्गी एक प्रकार का हल्का-फुल्का नाश्ता होता है ताकि दिन भर व्रत रखने में आपको एनर्जी मिलती रहे तो आप सर्गी सुबह 3:00 बजे से 5:30 बजे तक हर हाल में ग्रहण कर ले 5:30 बजे के बाद सर्गी ग्रहण नहीं करनी चाहिए इस बार करवा चौथ का व्रत जो है वह बहुत ही शुभ संयोग में रखा जाएगा क्योंकि इस दिन रोहिणी नक्षत्र और सिद्धि योग का
शुभ संयोग भी बन रहा है इस दिन ब्रह्म मुहूर्त होगा सुबह 4 बज 53 से 541 तक अमृत काल सुबह 3:52 से 5:02 तक आप अमृत काल में
भी सर्गी ग्रहण कर सकते हैं और रोहिणी नक्षत्र सुबह 8:3 से सारा दिन रहेगा सिद्धि योग को सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाला योग माना जाता है और इस दिन सिद्धि योग सुबह से लेकर शाम 5:04 तक रहेगा राहु काल जोकि बहुत अशुभ समय माना जाता है दोपहर 4:30 से 6 बजे तक रहेगा तो राहुकाल के समय में आप कोई नई चीजों की खरीदारी करने से बचे या कोई भी शुभ या नया काम करने से बचे क्योंकि इस
समय यदि कोई काम किया जाता है तो उसमें सफलता कम मिलती है या कोई नुकसान भी हो सकता है पूजा का जो सबसे शुभ मुहूर्त होता है प्रदोष काल का या गोधूली पेला का उस समय करवा चौत की पूजा की जाती है और आप इस दिन पूजा कर सकते हैं शाम 5:46 से 7:09 के
बीच में उत्तराखंड में चंद्रोदय का समयरहेगा रात 8:15 पर तो इस समय आप चंद्रदेवता की पूजा करके अपने व्रत का पारणाकभी भी कर सकते हैं .
अब आपको बताते हैं कि बाकी क्षेत्रों में चंद्रोदयका समय इस दिन क्या रहेगा
सूरत में चंद्रोदय होगा रात 7:04
जयपुर 7:54
आगरा 8:16
लखनऊ 8:05
बरेली 7:46
वाराणसी 7:32
कानपुर 7:32
चेन्नई 8:43
पुणे8:56
मुंबई 8:05
कुरुक्षेत्र 8 बजे
गाजियाबाद में 8:11
नोएडा 8:14
नई दिल्ली 8:15
कोलकाता 7:46
बेंगलोर 7:55
गुरुग्राम 8:01
चंडीगढ़ 7:54
फरीदाबाद 8:04
अमृतसर 7:54
अंबाला 7:55
भोपाल 8:29
इंदौर 8:02 और
अहमदाबाद में 7:38 पर चंद्रोदय होगा
और चंद्रोदय का जो यह समय है यह आपको इंटरनेट आधारित सूचनाओं के आधार पर बताया गया है फिर भी आप एक बार अपने आसपास
पुजारी जिसे या अपने क्षेत्र के कैलेंडर के अनुसार पंचांग के अनुसार चंद्रोदय का समय ज्ञात करने के बाद ही व्रत खोलें.